मुरली वाले श्याम तुमको आना होगा भजन लिरिक्स Murali Wale Shyam Krishna Bhajan Lyrics Hindi
इस सुन्दर और खूबसूरत कन्हैया के भजन को सुनकर नाचने को दिल करता है | मधुर कन्हैया भजन/सांग " Krishna Janmashtami " Bhajan | मुरली वाले श्याम तुमको आना होगा कृष्ण भजन | Murli Wale Shyam Bhajan Krishna bhajan lyrics Hindi | Krishna Bhajan " जिसे यूट्यूब पर और आप सभी के द्वारा बहुत ही पसंद किया जा रहा और यह भजन यूट्यूब पर तेजी से वायरल होता मधुर Bhajan भी है. इस भजन के बोल को निचे विस्तार से लिखा गया है। आइये इस खुबसूरत भजन (Bhajan Likha Hua/Lyrics) के पूरे लिरिक्स / मधुर और सुन्दर बोल को जान लेते हैं, आपको भी इस भजन के बोल/लिरिक्स (Krishna Bhajan Lyrics )बहुत पसंद आने वाले है |
मुरली वाले श्याम तुमको आना होगा भजन
मुरली वाले श्याम, तुमको आना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा,
राधे रानी को भी, संग में लाना होगा,
मुरली वाले श्याम, तुमको आना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा।
फूलों के आसन पे, तुमको बिठाएंगे,
माखन मिश्री का, भोग लगाएंगे,
आकर के भोग, लगाना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा,
मुरली वाले श्याम, तुमको आना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा।
दर्शन को तेरे कान्हा, तरसे है अखियां,
याद में तेरे मोहन, बरसे है अखियां,
भक्तो का मान, बढ़ाना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा,
मुरली वाले श्याम, तुमको आना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा।
मीठी तेरी बंसी आके, हमको सुना दे,
मोहनी सूरत तेरी, हमको दिखा दे,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा,
मुरली वाले श्याम, तुमको आना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा।
मुरली वाले श्याम, तुमको आना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा,
राधे रानी को भी, संग में लाना होगा,
मुरली वाले श्याम, तुमको आना होगा,
भक्तों को दरश, दिखाना होगा।
श्री कृष्ण के बारे मे
श्री कृष्ण के बारे मे
श्री कृष्ण, हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में प्रतिष्ठित हैं। अक्सर चंचल, बांसुरी बजाने वाले आचरण के साथ चित्रित, वह प्रेम, करुणा और दिव्य ज्ञान का प्रतीक है।
पवित्र ग्रंथ भगवद गीता में उनकी शिक्षाएं जीवन के उद्देश्य और आध्यात्मिक ज्ञान के मार्ग में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। कृष्ण के बचपन के कारनामे, जिनमें गोपियों के साथ उनकी मनमोहक लीलाएं और राक्षस कंस पर उनकी जीत शामिल है, ने पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
श्री कृष्ण अपनी मुरली और रास लीला के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी मुरली की धुन इतनी मोहक थी कि गोपियाएं उसे सुनकर मदहोश हो जाती थीं। वे कृष्ण के साथ रास लीला करने के लिए उत्सुक रहती थीं।
कृष्ण की मुरली की धुन की तुलना अक्सर भगवान शिव की त्रिशूल से की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिस तरह भगवान शिव के त्रिशूल से दुष्टों का नाश होता है, उसी तरह श्री कृष्ण की मुरली की धुन से मोह और कामवासना का नाश होता है।
कृष्ण की रास लीला एक नृत्य है जिसका हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। वे कृष्ण के व्यक्तित्व और उनकी शिक्षाओं का प्रतीक हैं। जिसमे कृष्ण गोपियों के साथ नृत्य करते हैं। इस नृत्य में कृष्ण गोपियों के साथ इतना घुल मिल जाते हैं कि उनमें से कोई भी उन्हें पहचान नहीं पाता है। रास लीला प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। यह बताती है कि प्रेम और भक्ति में कोई भेद नहीं है।
उनकी स्थायी विरासत दुनिया भर में भक्तों को प्रेरित करती रहती है, जो भक्ति, धार्मिकता और आंतरिक सद्भाव की शाश्वत खोज पर जोर देती है। कृष्ण की दिव्य उपस्थिति कई लोगों की आध्यात्मिक यात्रा में मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में कार्य करती है।